किराए पर देने वाले मकान मालिकों के लिए बुरी खबर, नए फरमान से बढ़ी चुनौतियाँ!

अगर आप मकान किराए पर देते हैं, तो किरायेदारों और मकान मालिकों के लिए एक बड़ी खबर आई है। सरकार के नए नियमों के तहत, 1 अप्रैल 2025 से मकान किराए पर देना अब पहले जैसा आसान नहीं रहेगा। मकान मालिकों को किराए से होने वाली आय को इनकम टैक्स रिटर्न में “इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी” के तहत रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, हालांकि कुछ टैक्स छूट भी दी जाएगी।

यदि आपका खुद का मकान है और आप उसे किराए पर उठाते हैं, तो यह खबर पढ़कर आपको झटका लग सकता है, क्योंकि सरकार ने किराए पर मकान देने संबंधी सभी नियमों में बदलाव कर दिया है। ऐसे में अगर आप मकान किराए पर देने की योजना बनाते हैं, तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, मकान मालिक और किराएदार संबंधी कानूनों में बदलाव की घोषणा पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश करते हुए की थी। सरकार ने किराया संबंधी नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जो अब अप्रैल 2025 से लागू होंगे।

नया नियम: 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी

नए नियमों के तहत मकान मालिकों को किराए की आमदनी को टैक्स रिटर्न में ‘इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी’ के तौर पर दर्ज करना होगा। अब मकान मालिक किराए की आय को छिपाकर आसानी से टैक्स से बच नहीं सकेंगे। अगर मकान मालिक ऐसा करने में असफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

किराए पर घर देने में यह होगा नया बदलाव

पूरा डाटा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देना होगा:
मकान मालिकों को अपनी प्रॉपर्टी से होने वाली किराए की आमदनी की पूरी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होगी। यह टैक्स चोरी पर रोक लगाने का एक बड़ा कदम है।

कानूनी कार्यवाही का जोखिम:
अगर मकान मालिक टैक्स रिटर्न में किराए की आमदनी को छिपाते हैं या गलत जानकारी देते हैं, तो उनके खिलाफ टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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